जिला संयोजक जयशिव प्रताप चन्द ने कहा कि यह आदेश शिक्षकों के निजता का हनन करने वाला विशेष तौर पर महिला शिक्षिकाओं का, और समाज में शिक्षकों की छवि को धूमिल करने वाला है। उन्होंने ने कहा कि विभाग द्वारा पूर्व से ही विभिन्न अधिकारियों द्वारा, ऐप एवं निरीक्षण के अनेकों माध्यमों द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है ऐसे में वीडियो कॉलिंग से निरीक्षण करना उनकी निष्ठा और प्रतिष्ठा दोनों पर प्रश्नचिन्ह उठाने जैसा है । प्रत्येक शिक्षक के पास कैमरा और इंटरनेट के साथ मोबाइल उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इस आदेश का अनुपालन व्यवहारिक नहीं है। साथ ही विभाग द्वारा शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को कोई भी मोबाइल सीयूजी नंबर या इंटरनेट हेतु अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है अतः ऐसे में शिक्षकों के व्यक्तिगत संसाधनों द्वारा विभागीय कार्य लेना न्याय संगत नहीं है। वीडियो काल द्वारा निरीक्षण की स्थिति में साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर ऐसे वीडियो का दुरूपयोग कर सकते हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने विभिन्न मंचों से बेसिक शिक्षा परिषद के गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को रेखांकित किया है। ऐसी स्थिति में वीडियो कॉल कर निरीक्षण अनावश्यक प्रतीत होता है।
ज्ञापन सौंपने वालों में अशोक तिवारी, सत्य प्रकाश, आशुतोष नाथ तिवारी,आशुतोष अमन, अविनाश, राम बहादुर सिंह, सुनील यादव, सतीश चन्द्र, अमरेन्द्र कुशवाहा, माखन प्रसाद आदि महासंघ के शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
टीम राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,देवरिया।
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