मंगलवार, जुलाई 16, 2024

बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों की आनलाइन हाजिरी स्थगित- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं शिक्षकों की एकता का परिणाम

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रयासों एवं शिक्षकों के धरने प्रदर्शन के कारण सरकार को ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवस्था
स्थगित करनी पड़ी है। बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत शिक्षकों ने इस व्यवस्था का भारी विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने यह निर्णय लिया।
बीते कुछ दिनों से, प्रदेश में लाखोँ शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। उनका कहना था कि इस प्रणाली में कई तकनीकी खामियां हैं और यह उनके कामकाज में बाधा उत्पन्न कर रही है। साथ ही, इसे लागू करने में आने वाली समस्याओं और इसके प्रभावी होने पर भी सवाल उठाए गए।

शिक्षकों का मानना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली से उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और इससे शिक्षण की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। इसके विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सरकार को ज्ञापन सौंपा और धरने प्रदर्शन का आयोजन किया। 

सरकार ने शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए और उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए फिलहाल इस व्यवस्था को स्थगित करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ चर्चा करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष जयशिव प्रताप चंद ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह शिक्षकों की एकता और संघर्ष का परिणाम है। परंतु उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आनलाइन उपस्थिति के साथ साथ अन्य सभी आनलाइन कार्यों का बहिष्कार मांगे न मानने तक जारी रहेगा। सरकार का यह निर्णय समस्या का समाधान ना होकर शिक्षक एकता को खंडित करने का प्रयास भी हो सकता है। 
उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सरकार शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लेगी और उनके हितों की रक्षा करेगी।उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व पहले माननीय मुख्यमंत्री जी से मिला पुनः कल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश का प्राथमिक संवर्ग महानिदेशक महोदया से मिलकर 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। अंततः आप साथियों की विजय हुई, लेकिन जबतक माँगें ना मान लीं जाएँ,हमारी प्रदेश की टीम आप के हितों हेतु यू ह बेबाक़ी से लीड लेती रहेगी। अभी समस्या समाधान तक महासंघ का विरोध पूर्व की भाँति जारी रहेगा।  उन्होंने संकुल शिक्षकों, ARP एवं विभिन्न शिक्षक संगठनों के लोगों के सहयोग हेतु धन्यवाद दिया जिन्होंने शिक्षक के इन समस्याओं के मुद्दे पर एकजुटता बनाई रखी और सहयोग दिया। 
उन्होंने शिक्षकों के नाम भेजें अपने संबोधन में कहा कि

सम्मानित शिक्षक, शिक्षिका, अनुदेशक, शिक्षामित्र भाई बहन, 

आपकी एकता और साहस ने जिस प्रकार से व्यवस्था के अव्यवहारिक आदेश के खिलाफ हमारी आवाज को बुलंद किया, उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं। आपके अदम्य संकल्प और दृढ़ता ने इस आंदोलन के सफलता की नींव रखी, और हमारे अधिकारों की रक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। यह आपकी दृढ़ निष्ठा का ही परिणाम है कि सरकार ने अस्थाई रूप से अपने निर्णय पर रोक लगाने के लिए विवश हुई।
हम इस ऐतिहासिक जीत के लिए आप सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। यह संघर्ष मात्र एक प्रारंभिक कदम है, और हमें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए सतत् सजग और संगठित रहना होगा। आपके अद्वितीय योगदान और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब हम सभी एकजुट होकर किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, तो हम उसे पराजित कर सकते हैं।

इस विजय की अभिलाषा को संजोए रखते हुए, हम सभी को एक नए उत्साह और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होगा। शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों के न्याय और सम्मान के लिए हमारा संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। हमें अपने अधिकारों और भविष्य की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना होगा।
आप सभी को पुनः हार्दिक धन्यवाद और भविष्य के संघर्ष हेतु शुभकामनाएं।

यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षकों की आवाज़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब सभी की नजरें सरकार और शिक्षकों के बीच होने वाली आगामी वार्ताओं पर टिकी हैं, जिसमें ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवस्था के भविष्य का निर्धारण किया जाएगा।

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